PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज कृषि एवं किसान मंत्रालय के तहत संचालित सभी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) को दो-समग्र (अम्ब्रेला) योजनाओं -प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY), जोकि एक कैफेटेरिया योजना है और कृष्णोन्नति योजना (KY) – के अधीनयुक्तिकरणहेतु कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।पीएम-आरकेवीवाई जहां टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देगा, वहीं केवाई खाद्य सुरक्षा एवं कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को पूरा करेगा। विभिन्न घटकों के कुशल एवं प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु सभी घटक प्रौद्योगिकी का लाभ उठायेंगे।
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PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana Overview
केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्नति योजना को मंजूरी दी गुरुवार को, केंद्रीय कैबिनेट ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) और कृषोन्नति योजना (KY) को मंजूरी दी, जिन पर कुल खर्च ₹1,01,321.61 करोड़ रुपये होगा। कैबिनेट के अनुसार, PM-RKVY का उद्देश्य सतत कृषि को प्रोत्साहित करना है,
जबकि कृषोन्नति योजना का लक्ष्य खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर आत्मनिर्भरता हासिल करना है। इन दोनों योजनाओं को एक अंब्रेला योजना के रूप में कार्यान्वित किया जाएगा, जिसके तहत कृषि मंत्रालय की सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं का पुनर्गठन किया जाएगा।
पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के उदेश्य
कृषि क्षेत्र को मजबूत करना
सरकार ने बताया कि यह निर्णय कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए लिया गया है। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र में स्थिरता, नवाचार, और आधुनिक तकनीकों को अपनाने में मदद करना है। इससे देश में खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी, जिससे आने वाले वर्षों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
- Soil Health and Fertility Enhancement: मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम।
- Rainfed Area Development: वर्षा आधारित क्षेत्रों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएँ।
- Paramparagat Krishi Vikas Yojana: पारंपरिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए योजनाएँ।
- Crop Residue Management: फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए रणनीतियाँ।
- Per Drop More Crop: जल प्रबंधन में सुधार के लिए तकनीकें।
कृषोन्नति योजना में
- National Food Security and Nutrition Mission: खाद्य सुरक्षा और पोषण में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए।
- National Mission for Edible Oils: खाद्य तेलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए।
- Digital Agriculture Mission: कृषि में डिजिटल तकनीकों को अपनाने के लिए।
चुनौतियों और अवसरों का ध्यान
प्रेस ब्रीफिंग में यह बताया गया कि योजनाएं कृषि क्षेत्र की आपात चुनौतियों और अवसरों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई हैं। इनमें पोषण सुरक्षा, जलवायु लचीलापन, डिजिटल मार्केट एक्सेस, और बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर दिया गया है।
कार्यान्वयन प्रक्रिया में तेजी
इन नई योजनाओं का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि राज्य सरकारें अब वार्षिक कार्य योजनाओं को एक बार में मंजूरी दे सकती हैं। यह प्रक्रियात्मक सरलीकरण कार्यान्वयन में तेजी लाने की उम्मीद कर रहा है, जिससे राज्य अपनी कृषि रणनीतियों को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें।
खाद्य तेलों के लिए राष्ट्रीय मिशन
कृषि विकास योजनाओं के अलावा, केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय खाद्य तेल–तिलहन मिशन को भी मंजूरी दी है। इस मिशन पर अगले छह वर्षों में ₹10,103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जो वित्तीय वर्ष 2031 तक चलेगा। इस योजना का उद्देश्य खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करना है, ताकि आयात पर निर्भरता कम की जा सके।
PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana का कार्यान्वयन
PM-RKVY का कार्यान्वयन राज्य सरकारों के माध्यम से किया जाता है। राज्यों को अपनी विशेष आवश्यकताओं के आधार पर वार्षिक कार्य योजनाएं (Annual Action Plans) तैयार करने की स्वतंत्रता होती है। इस प्रक्रिया से योजना का कार्यान्वयन अधिक प्रभावी और सुगम बनता है।
PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana तकनीकी पहल
इस योजना में तकनीकी नवाचार का भी बड़ा महत्व है। डिजिटल कृषि और नई कृषि तकनीकों का उपयोग किसानों को आधुनिकतम तकनीकों से जोड़ने में मदद करता है। तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से कृषि उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए गए हैं।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव
जलवायु परिवर्तन एक गंभीर चुनौती है, जो कृषि क्षेत्र को प्रभावित करती है। PM-RKVY के अंतर्गत जलवायु अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा दिया जाता है, जिससे किसान जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों का सामना कर सकें। यह योजना किसानों को जलवायु के अनुकूल तकनीकों का उपयोग करने की प्रेरणा देती है, जैसे कि सूखा सहिष्णु फसलों की खेती।
PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana क्षेत्रीय विशेषताएँ
राज्य सरकारों को अपनी विशेष कृषि परिस्थितियों और चुनौतियों के अनुसार योजना तैयार करने की अनुमति दी गई है। इससे राज्यों को अपने-अपने कृषि क्षेत्र के अनुसार रणनीतियों को विकसित करने की स्वतंत्रता मिलती है। यह स्थानीय जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा देता है और योजना के सफल कार्यान्वयन में मदद करता है।
PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana फंडिंग और संसाधन
PM-RKVY की कुल लागत का अनुमानित व्यय 1,01,321.61 करोड़ रुपये है। इसमें केंद्रीय सरकार का हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपये है, जबकि राज्य सरकारों का योगदान 32,232.63 करोड़ रुपये है। इस प्रकार, यह योजना कृषि क्षेत्र में बड़ी मात्रा में निवेश को आकर्षित करती है, जिससे किसानों के विकास में सहायक होती है।
1,01,321.61 करोड़ रुपये के कुल प्रस्तावित व्यय में से डीएएंडएफडब्ल्यू के केंद्रीय हिस्से के लिए अनुमानित व्यय 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। इसमें आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और केवाई के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये शामिल हैं।
अंतिम निष्कर्ष
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) भारतीय कृषि के विकास और किसानों की आय में वृद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह योजना न केवल किसानों की जरूरतों का ध्यान रखती है, बल्कि कृषि उत्पादन में सुधार और स्थानीय आवश्यकताओं को भी महत्व देती है। इसके सफल कार्यान्वयन के माध्यम से भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठा सकता है।
किसान हमारी अर्थव्यवस्था के स्तंभ हैं, और PM-RKVY का उद्देश्य उन्हें एक स्थायी, उत्पादक और लाभकारी भविष्य प्रदान करना है। योजना की प्रभावशीलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसे कितनी अच्छी तरह लागू किया जाता है और किसान इसे कैसे अपनाते हैं। इस प्रकार, PM-RKVY केवल एक योजना नहीं है, बल्कि यह किसानों के विकास और देश के आर्थिक स्थिरता का एक महत्वपूर्ण उपाय है।